उफ्फ यह तुम और यह नींद
थपकीयों में भर भर नींद
उंड़ेल दी पलकों पर सारी
पलकें भीगी ख़याल भीगे
भीगी मेरी तकिया सारी
सो जाऊं तो वो खोती है
ना सोउँ तो नींदें रोती हैं
समेट कर आँखो में खुमारी
हाय यह इश्क़ बड़ी बीमारी
उसे ज़ेरे लब पुकारा
कैसे सोउँ मैं बेचारा
छुपा ले अपनी आगोश में मुझको
ठहर जाए यह बादल आवारा
टिक जाओगी गर तुम तो ही यह मेरी नींद टिकेगी
सुकून से मेरा इश्क़ रहेगा सुकून से यह उम्र कटेगी
उफ्फ यह तुम और यह नींद
Uff..!!Ye aankhein aur uspar bemisaal nazm!
ReplyDeletethanks so much prateek :)
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