Sunday, March 2, 2014


तमाम रातों की तरह यह रात भी गुज़री है
अपनी जगह उसकी आँखों में रात गुज़री है
धड़क उठता था दिल उसकी हर करवट पर
उसकी तो गुज़र गई, मेरी रात कहाँ गुज़री है

#shaista

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